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    परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन ब्रुसेल्स 2024 में भारत का वक्तव्य


    परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन ब्रुसेल्स 2024
    (21 मार्च, 2024)
    भारत का वक्‍तव्‍य
    डॉ. अजित कुमार मोहांती, अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग का व्‍याख्‍यान

    बेल्जियम के महामहिम प्रधान मंत्री श्री अलेक्जेंडर डी क्रू, अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक श्री राफेल ग्रॉसी, विशिष्‍ट प्रतिनिधि, देवियो और सज्जनो,

    नमस्कार। इस सम्‍मान्‍य मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गौरव की बात है। मैं भारत सरकार की ओर से आज यहां एकत्र हुए विशिष्‍ट प्रतिनिधियों का हृदय से अभ‍िवादन करता हूं।

    महामहिम,

    भारत 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जैसा कि हमारे महामहिम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो, यूनाइटेड किंगडम में नवंबर, 2021 में आयोजित यूनाइटेड नेशन्‍स फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के कॉन्‍फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP26) के 26वें सत्र में घोषित किया था।

    इस संबंध में, भारत ने नाभिकीय ऊर्जा क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। भारत का दृढ़ विश्वास है कि नाभिकीय ऊर्जा बिजली का एक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल स्रोत है जो 24X7 उपलब्ध है और देश को स्थायी तरीके से दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा प्रदान कर सकता है। ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के दोहरे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारतीय नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम अति आवश्‍यक है।

    महामहिम,

    वर्ष 2047 तक, जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, तब हमारा लक्ष्य होगा कि भारत के बिजली मिश्रण में नाभिकीय ऊर्जा की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हो। मध्यम अवधि के लक्ष्य के रूप में हमारा लक्ष्य वर्तमान में लगभग 7.5 GW से 2030 तक तीन गुना नाभिकीय बिजली उत्पादन की क्षमता हासिल करना है।

    महामहिम,

    आप जानते होंगे कि भारत के पास परिपक्व प्रथम चरण के साथ त्रि- चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम है। हाल ही में, भारत ने दो स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए 700 MW दाबित भारी पानी रिएक्टर (PHWR), काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना – यूनिट 3 और 4 को शामिल किया है। 9 और रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने ऐसे 10 रिएक्टरों को फ्लीट मोड में स्थापित करने के लिए प्रशासनिक मंजूरी दी है।

    महामहिम,

    हाल ही में, हमारे त्र‍ि-चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के दूसरे महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश को अंकित करने वाली ऐतिहासिक उपलब्‍ध‍ि में हमारे पहले स्वदेशी फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (500 मेगावाट) में “कोर लोडिंग” हुई। हम छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) का विकास करने पर भी विचार कर रहे हैं। यह भारत की वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षमता का प्रमाण है।

    महामहिम,

    भारत अपने देश की विकास आवश्यकताओं के लिए पूर्ण अंतर्राष्ट्रीय असैन्य परमाणु सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है और अपने परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ चर्चारत है।

    महामहिम,

    उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में, भारत परमाणु और रेडियोलॉजिकल सामग्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, ऊर्जा और गैर-ऊर्जा दोनों क्षेत्रों में परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण अनुप्रयोगों का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के पास एक सुदृढ़ परमाणु संरक्षा संस्कृति और त्रुटिहीन संरक्षा रिकॉर्ड है। भारत एक मजबूत, संधारणीय और प्रत्‍यक्ष वैश्विक परमाणु संरक्षा और सुरक्षा फ्रेमवर्क प्रदान करने के अपने प्रयासों में एजेंसी का समर्थन करना जारी रखेगा।

    महामहिम,

    हम पहले परमाणु ऊर्जा शिखर सम्‍मेलन की मेजबानी के लिए ब्रुसेल्स शहर, लोगों और गवर्मेंट ऑफ बेल्जियम तथा एजेंसी को धन्यवाद देते हैं।

    मुझे ध्‍यानपूर्वक सुनने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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    NUCLEAR ENERGY SUMMIT BRUSSELS 2024 (March 21, 2024)
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