फेरोकार्बोनेटाइट में प्रमुख और विरल मृदा तत्वों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित प्रमाणित संदर्भ सामग्री का विमोचन (बीएआरसी – B1401)
डॉ. ए.के. मोहांती, अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग ने 17 नवंबर 2025 को ‘फेरोकार्बोनेटाइट (एफसी) – (बीएआरसी B1401)’ नामक एक स्वदेशी रूप से विकसित प्रमाणित संदर्भ सामग्री (सीआरएम) का औपचारिक रूप से विमोचन किया। यह प्रमाणित संदर्भ सामग्री विरल मृदा तत्वों (आरईई) के अयस्क खनन और संबद्ध उत्पादन उद्योगों के अन्वेषण, निष्कर्षण और प्रक्रिया नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एफसी-सीआरएम को वैज्ञानिक, औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में विश्लेषणात्मक विधियों, उपकरण अंशांकन और गुणवत्ता नियंत्रण के विकास और सत्यापन में सहायता के लिए विकसित किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, विनिर्माण और चिकित्सा विज्ञान जैसे रणनीतिक क्षेत्रों के लिए आरईई अपरिहार्य हैं। आरईई के लिए एक सिद्ध स्रोत चट्टान, फेरोकार्बोनेटाइट, संपूर्ण भारत के कार्बोनेटाइट परिसरों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) द्वारा इसका व्यापक अन्वेषण किया जा रहा है। मैट्रिक्स-मिलान प्रमाणित संदर्भ सामग्री (सीआरएम) व्यक्तिगत आरईई के सटीक मात्रा निर्धारण के लिए आवश्यक है; हालाँकि, ऐसी सामग्री वैश्विक स्तर पर दुर्लभ है और अक्सर यह अत्यधिक महंगी होती है।
“आत्मनिर्भर भारत” के विजन से प्रेरित, यह स्वदेशी रूप से विकसित एफसी-सीआरएम देश की विश्लेषणात्मक क्षमता में एक महत्वपूर्ण कमी को दूर करता है। इस सीआरएम को प्रमाणन के लिए आईएसओ के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, नेशनल सेंटर फॉर कंपोजिशनल कैरेक्टराइजेशन ऑफ मैटेरियल्स (एनसीसीसीएम), बीएआरसी और एएमडी, हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
विकसित एफसी-सीआरएम तेरह (13) आरईई (Ce, Dy, Er, Eu, Gd, La, Nd, Pr, Sc, Sm, Tb, Y और Yb) के साथ-साथ छह (06) प्रमुख तत्वों (Al, Ca, Fe, Mg, Mn और P) को प्रमाणित करता है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि दर्शाती है कि भारत में इस तरह का यह पहला और दुनिया में चौथा सीआरएम है।
विमोचन समारोह में परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रतिष्ठित अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें श्री विवेक भसीन, निदेशक, बीएआरसी; श्री धीरज पांडे, निदेशक, एएमडी; डॉ. ए.सी. भासिकुट्टन, सह निदेशक, रसायन विज्ञान समूह, बीएआरसी; श्री के. जयकुमार, नियंत्रक, बीएआरसी, डॅनियल बाबु पी, प्रमुख, जन जागरूकता एवं मीडिया संपर्क प्रभाग,
(पीएएंडएमआईडी), पऊवि और डॉ. के. दाश, प्रमुख, एनसीसीसीएम-बीएआरसी शामिल थे।