होमी भाभा चेयर
परमाणु ऊर्जा विभाग के सेवानिवृत /अधिवर्षिता प्राप्त वैज्ञानिक /इंजीनियर जो अपनी रुचि के क्षेत्रों तथा परमाणु ऊर्जा विभाग के हित में अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिए संवेदनशील तथा अथवा सूक्ष्म प्रौद्योगिकियों के विकास में लगे हुए थे उनको सम्मानित करने तथा आगे अवसर प्रदान करने के उद्देश्य सेपऊवि-विशिष्ट वैज्ञानिकों प्रोफेसरों हेतु होमी भाभा चेयर* के नाम से एक योजना प्रारंभ की गयी है।विशिष्ट वैज्ञानिकों/प्रोफेसरों के लिए पऊवि-होमी भाभा चेयर के पदाधिकारियों के कार्यकाल का चयन समिति के विवेक पर एक से पाँच वर्ष की अवधि के लिए होगा
पुरस्कार विजेता प्रति माह 80,000/- रुपये (केवल अस्सी हजार रुपये) के मानदेय और केंद्रसरकार के कर्मचारियों के लिए स्वीकार्य अन्य भत्ते के पात्र होंगे, जहाँ प्रासंगिक हो वहाँ पेंशन फंड, भविष्य निधि में योगदान आदि भी शामिल है। वे घरेलू यात्रा के लिए प्रति वर्ष अधिकतम 1,00,000/- तक यात्रा भत्ते के पात्र होंगे।
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के मामले में,जिन्हें चेयर से सम्मानित किया गया है, उनके द्वारा आहरित मासिक पेंशन की राशि (साथ ही उनके द्वारा संराशिकृत पेंशन की राशि) प्रति माह देय राशि से काट ली जाएगी।
जिस पेंशनभोगी को चेयर से सम्मानित किया जाता है, उन्हें परमाणु क्षेत्र में अनुसंधान और विकास कार्य करने के लिए ‘पऊवि-होमी भाभा चेयर लॉट-उत्कृष्ट वैज्ञानिकों/प्रोफेसरों को लेने के बारे में पेंशन संवितरण प्राधिकरण को उनके पद को रिक्त करने तथा मिलने वाले मासिक मानदेय के संबंध मेंसूचित करना आवश्यक है।
पऊवि-उत्कृष्ट वैज्ञानिकों/प्रोफेसरों के लिए होमी भाभा चेयर के पुरस्कार विजेता निम्नलिखित सेवाओं के भी पात्र होंगे।
- बीआरएनएस सीनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए पऊवि द्वारा निर्धारित दर पर एक सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ),
- निम्नलिखित मदों के वास्तविक व्यय को शामिल करते हुए प्रति वर्ष रु. 76,000/- (छहत्तर हजार रुपये मात्र) का आकस्मिक अनुदान।
आकस्मिक अनुदान क्र.स. विषय अनुदान i अनुसचिवीय सहायता Rs.48,000/- ii टेलीफोन बिल Rs.18,000/- iii स्टेशनरी Rs.10,000/- कुल Rs. 76,000/- - वास्तविक उपयोग की शर्त पर पुरस्कार प्राप्तकर्ता के पूरे कार्यकाल के दौरान एकमुश्त उपकरण भत्ता (पुस्तक भत्ता सहित) रु. 1,25,000/- (केवल एक लाख पच्चीस हजार रुपये) से अधिक नहीं उपलब्ध कराया जाएगा। उपकरण भत्ते में पुस्तक भत्ते के लिए रु. 10,000/-/- की राशि भी शामिल है।
- रु. 800/- प्रतिमाह का परिवहन भत्ता।
- . यदि पुरस्कार प्राप्तकर्ता पहले से ही डीएई की सीएचएस योजना या राज्य सरकार या भारत सरकार की इसी तरह की योजना में है, तो वह योजना के तहत सुविधाओं को बनाए रखने का विकल्प चुन सकता है अथवा जिस संस्थान से वह जुड़े हुए हैं उस मेजबान संस्थान में चल रही योजना का लाभ ले सकते हैं।
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- 1. पुरस्कार विजेता अपना शोध कार्य करने के लिए अपने वर्तमान कार्यस्थल/निवास से मेजबान संस्थान तक अपने और अपने जीवनसाथी (पति/पत्नी) के लिए हवाई किराया (एक्जीक्यूटिव क्लास) या रेल किराया (वातानुकूलित प्रथम श्रेणी) के पात्र होंगे ।
- T2. यदि पुरस्कार प्राप्तकर्ता का कार्यकाल दो वर्ष से अधिक की अवधि के लिए है, तो वे दो साल में एक बार छुट्टी पर भारत में किसी स्थान की यात्रा के लिए अपने और अपने जीवनसाथी (पति/पत्नी) के लिए एसी टू-टियर किराए के भी पात्र होंगे । यह सुविधा अवकाश यात्रा रियायत नियमों के संबंध में भारत सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों के अधीन रहेगी।
- पुरस्कार विजेता प्रत्येक वर्ष 30 दिनों की अवधि के लिए सवैतनिक छुट्टी के पात्र होंगे ।
- पुरस्कार के नामांकन के लिए पात्र व्यक्ति प्रख्यात वैज्ञानिक/इंजीनियर और प्रौद्योगिकीविद् होने चाहिए जो वर्तमान में या तो देश के भीतर काम कर रहे हैं या विदेश में रह रहे हैं।
स्पष्टीकरण: जो पुरस्कार विजेता विदेश में रह रहे हैं/कार्य कर रहे हैं,उन्हें भारत में मेजबान संस्थान के साथ जुड़ना होगा और भारत में अपने अनुसंधान और विकास कार्य को आगे बढ़ाना होगा। यदि कोई पुरस्कार विजेता जो विदेशी नागरिक है या जो आम तौर पर विदेश में रहता है, उन्हें काम करने के लिए भारत आने और अपने सामान्य स्थान पर लौटने के लिए अपने और अपने जीवनसाथी (पति या पत्नी) के लिए आने-जाने का हवाई किराया (एग्जीक्यूटिव क्लास) का भुगतान किया जाएगा। यह भारत में पुरस्कार विजेताओं पर भी लागू होगा,ताकि वे चेयर के कार्यकाल के दौरान अपने सामान्य कार्यस्थल/निवास स्थान से अपने कार्यस्थल तक यात्रा कर सकें। भारत में उसके कार्यस्थल और उसके सामान्य कार्यस्थल/निवास के बीच आने-जाने का हवाई किराया (कार्यकारी श्रेणी) पुरस्कार विजेता और उसके पति/पत्नी को अध्यक्ष के पूरे कार्यकाल के दौरान एक बार देय होगा, बशर्ते कार्यकाल दो वर्ष से अधिक के लिए है परंतु दो वर्ष पूरे होने से पहले नहीं। इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध छुट्टी यात्रा रियायत की तर्ज पर हर दो साल में एक बार भारत में कहीं भी यात्रा के लिए बदला जा सकता है (छुट्टी यात्रा रियायत के नियमों में बदलाव की स्थिति में,इस सुविधा में भी इसी तरह का बदलाव होगा)।
- उपकरण भत्ते के तहत खरीदे गए सभी उपकरण अध्यक्ष के कार्यकाल के पूरा होने पर मेजबान संस्थान के स्वामित्व में रखे जाएँगे जहां अनुसंधान और विकास कार्य किया गया है और वे उसी संस्थान की संपत्ति माने जाएँगे।
- प्रत्येक पुरस्कार विजेता को अपने वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास कार्य की प्रगति पर एक वार्षिक रिपोर्ट सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्तुत करनी होगी।
- प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों/प्रोफेसरों के लिए ‘पऊवि होमी भाभा चेयर’ के संचालन के लिए धनराशि परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी और एक उपयुक्त व्यवस्था के तहत मेजबान संस्थान को हस्तांतरित की जाएगी जिसके माध्यम से परमाणु ऊर्जा विभाग मेजबान संस्था प्रमाणित व्यय के खातों को मेण्टेन करेगा।
- बौद्धिक संपदा अधिकार
किसी भी पेटेंट को वापस लेने या किसी बौद्धिकसंपत्ति (जैसे कि पुस्तक का प्रतिलिपि अधिकार आदि) के अधिग्रहण की स्थिति में, बौद्धिक संपदा अधिकार पऊवि में निहित होंगे और इससे संबंधित सभी मामलों का निर्णय पऊवि द्वारा समय-समय पर निर्धारित नीति के अनुसार किया जाएगा।
प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों/प्रोफेसरों के लिए पऊवि – होमी भाभा चेयर की जानकारी बीआरएनएस वेबसाइट http://brns.res.in पर भी उपलब्ध है।